मंगलवार, 2 जून 2015

गूगल ने पेश किया अनलिमिटेड स्टोरेज वाला नया फोटोज ऐप



गूगल ने अपनी सालाना डिवेलपर कॉन्फ्रेंस I/O में एक नया फोटो मैनेजमेंट ऐप और वेबसाइट भी पेश किये हैं जिन्हें 'गूगल फोटोज' नाम दिया गया है।

गूगल फोटोज को आपके सभी डिवाइसेज के फोटोज और विडियो एक ही जगह रखने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। यह सर्विस गुरुवार से उपलब्ध होगी और इसे वेबसाइट, आईफोन या ऐंड्रॉयड ऐप के जरिये ऐक्सेस किया जा सकेगा।

गूगल फोटोज को फोटो स्टोर, शेयर और ऑर्गनाइज करने के लिए 'एक सेफ जगह' बता रही है। इसके जरिये लाइफ मोमेंट्स, दिन, महीने या साल के हिसाब से फोटो और विडियो ऑर्गनाइज किये जा सकते हैं। आप एक आसान पिंच के जरिये अपने फोटोज का ऑर्गनाइजेशन बदल सकेंगे।

गूगल फोटोज पर अपलोड की गई हर फोटो का बैकअप तत्काल गूगल के सर्वर्स पर क्रिएट हो जाएगा और आपके गूगल ड्राइव अकाउंट के साथ सिंक हो जाएगा। एक फोटो अपलोड करने के बाद आपकी हालिया अपडेटेड फोटो ऐप के टॉप पर आ जाएगी जिससे आपकी पिछली क्लिक्ड फोटो कैप्चर करना आसान हो जाएगा।

ज्यादा से ज्यादा लोगों को गूगल फोटोज का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने के लिए गूगल ने सर्विस और ऐप के साथ अनलिमिटेड स्टोरेज का वादा किया है, जिससे आप जितने चाहे फोटो और विडियो अपलोड कर सकते हैं।

मशीन लर्निंग टेक्नॉलजी को गूगल फोटोज के साथ इंटिग्रेट किया जा रहा है ताकि सर्विस यह देख सके कि आप अपने फोटोज को कैसे ऑर्गनाइज करते हैं, और फिर आपके प्रेफरेंस के हिसाब से खुद आपको फोटोज अरेंज कर के दे सके।

आप अपने फोटो कलेक्शन से कीवर्ड्स के जरिये भी फोटोज ढूंढ सकेंगे। मसलन टोरंटो में आई बर्फ की आंधी की तस्वीर ढूंढने के लिए आप 'स्नोस्टॉर्म इन टोरंटो' लिखकर डालेंगे तो संबंधित तस्वीर ऊपर आ जाएगी। बहुत सारे फोटोज को हाइलाइट करने के लिए गूगल ने एक नया जेस्चर भी पेश किया है: टैप कीजिए, होल्ड कीजिए और कई सारे फोटो एकसाथ सिलेक्ट करने के लिए स्क्रीन पर ड्रैग कीजिए।

अगर आप गूगल फोटोज में से कोई फोटो शेयर करना चाहते हैं, तो आप 'गेट अ लिंक' पर टैप करें और अपने दोस्तों को वह लिंक भेज दें। आपके दोस्त को इसे खोलने के लिए गूगल फोटोज के ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगी। लिंक पर क्लिक कर वह उस फोटो को अपने फोन पर डाउनलोड कर सकेगा।

गूगल ने लॉन्च किया नया और स्मार्ट पासवर्ड मैनेजर


..........अलग-अलग अकाउंट्स के लिए अलग-अलग और ट्रिकी पासवर्ड को याद रखना सच में टेढ़ी खीर है। हालांकि अब गूगल ने इसे आसान बना दिया है। गूगल ने स्मार्ट लॉक फॉर पासवर्ड नाम से ऐंड्रॉयड और क्रोम के लिए एक पासवर्ड मैनेजर लॉन्च किया है जो आपके पासवर्ड्स को याद कर लेगा और आपको हर बार अपने क्रिडेंशल्स सब्मिट करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। गूगल I/O कीनोट सेशन के दौरान इस फीचर को शोकेस नहीं किया गया था लेकिन गूगल आइडेंटिटी प्लैटफॉर्म के तहत यह गूगल के डिवेलपर पेज पर लिस्टेड था।

हालांकि गूगल ने इसके फीचर्स को पूरी तरह से पब्लिक नहीं किया है लेकिन गूगल का कहना है कि इस पासवर्ड मैनेजर की मदद से ऐंड्रॉयड ऐप और क्रोम पर किसी भी डिवाइस पर साइन-इन और साइन-अप किया जा सकता है।

स्मार्ट लॉक पर एक बार पासवर्ड सेव करने के बाद आपको किसी भी डिवाइस पर क्रोम और ऐंड्रॉयड के लिए लॉग-इन क्रिडेंशल्स भरने की ज़रूरत नहीं होगी। लेकिन हां, शर्त यह है कि आप उसी गूगल अकाउंट का इस्तेमाल करें, जिसके जरिए आपने पासवर्ड स्मार्ट लॉक पर सेव किया था।

गूगल का मानना है कि स्मार्ट लॉक कन्जयूमर्स की लाइफ को सच में स्मार्ट बना देगा और पासवर्ड भूल जाने की समस्या को काफी हद तक कम कर देगा।

अच्छी बात यह है कि स्मार्ट लॉक गूगल प्ले सर्विसेज़ 7.5 का हिस्सा है, जिसका मतलब है कि यूजर्स को इसके लिए ऐंड्रॉयड M के रिलीज होने तक का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।

Google का नया एंड्रॉइड M, ये 9 फीचर्स आ सकते हैं यूजर्स के बहुत काम

http://www.bhaskar.com/news-hf/GAD-SPE-google-android-m-top-9-new-features-for-users-5011024-PHO.html




 गूगल के नए एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम 'M' को लेकर अब चर्चा आम हो गई है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम का डेवलपर्स प्रिव्यू गूगल की I/O 2015 कॉन्फ्रेंस में लॉन्च किया गया है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के कई नए फीचर्स को लेकर बातें चल रही हैं, लेकिन hm आपको बताने जा रहा है इस ऑपरेटिंग सिस्टम के 10 बेस्ट फीचर्स के बारे में जो आने के बाद यूजर्स को पसंद आ सकते हैं।

1. ऐप परमीशन-

एंड्रॉइड M के सबसे अच्छे फीचर्स में से एक है ऐप परमीशन। एंड्रॉइड M के साथ गूगल ने ऐप परमीशन को बढ़ा दिया है। इस फीचर के बाद ऐप नहीं बल्कि यूजर के तय कर पाएगा की कैसी परमीशन के साथ ऐप इंस्टॉल करना है। आसान शब्दों में कहें तो कोई ऐप फोन का कितना डाटा इस्तेमाल कर पाएगा और कितना नहीं ये यूजर पर निर्भर करेगा। इसी के साथ, यूजर्स सेटिंग्स के जरिए सभी ऐप्स परमीशन मैनेज कर पाएंगे।

2. नाओ ऑन टैप-

गूगल ने एक नया फीचर नाओ ऑन टैप भी इस ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ पेश किया है। ये पूरी जानकारी एक टैप पर उपलब्ध होगी। इसमें सब कुछ जैसे यूजर्स ने क्या किया, क्या हिस्ट्री रही, क्या लोकेशन है सब कुछ एक टैप पर उपलब्ध होगा। इस सबके लिए पहले यूजर्स वॉइस कमांड का इस्तेमाल करते थे।




3. वेब एक्सपीरियंस-

गूगल ने अभी क्रोम का एक नया फीचर लॉन्च किया है जिसे क्रोम कस्टम टैब्स कहते हैं। इस फीचर की मदद से यूजर्स क्रोम टैब्स को एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म में ऐप्स की मदद से कस्टमाइज कर सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो अगर कोई ऐप आपको क्रोम ब्राउजर खोलने के लिए कहता है तो क्रोम में वो डाटा सेव हो जाएगा। अगली बार भी उसी जगह से क्रोम ब्राउजर को खोल सकते हैं।



4. नया रैम मैनेजर-

नए ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ नया रैम मैनेजर भी आ गया है। इसका मतलब कौन सा ऐप फोन की कितनी मेमोरी का इस्तेमाल करता है ये नए तरीके से होगा। इसके अलावा, यूजर्स को ये भी पता चलेगा की तत्कालीन इस्तेमाल करने वाले ऐप्स कितनी मेमोरी इस्तेमाल कर रहे हैं ये भी पता होगा।



5. नया ऐप ड्रॉअर-

एंड्रॉइड M के साथ नया ऐप ड्राअर भी आएगा। ये विजेट पिकर की तरह होगा। अब ऐप्स को स्क्रीन पर साइड वाइज की जगह वर्टिकली स्क्रॉल किया जाएगा। इसके अलावा, कलर और रीडिजाइनिंग पुरानी ही लगेगी।



6. फिंगरप्रिंट सेंसर सपोर्ट-

जैसा की पहले भी अंदाजा लगाया जा रहा था गूगल भी एप्पल की तरह अपने ऑपरेटिंग सिस्टम में फिंगरप्रिंट रीडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। ये नया फीचर स्कैनर्स के साथ काम करने के लिए बनाया गया है। फिलहाल सैमसंग गैलेक्सी S6, HTC ONe M9 जैसे स्मार्टफोन्स में पहले से ही फिंगरप्रिंट स्कैनर मौजूद है। अब एंड्रॉइड M में ये टेक्नोलॉजी आने से उम्मीद की जा सकती है कि अब सस्ते डिवाइसेस में भी ये तकनीक आएगी।



7. एंड्रॉइड PAY

ये भले ही एप्पल PAY की कॉपी लगे, लेकिन गूगल का एंड्रॉइड PAY कुछ नया है। ये भी एप्पल PAY की तरह NFC के जरिए काम करता है। इसका मतलब ये है कि NFC पर काम करने वाले सभी पोर्ट्लस पर ये काम कर सकेगा। एंड्रॉइड पे की मदद से मोबाइल पेमेंट्स हो सकेंगी। ये एंड्रॉइड किटकैट 4.4 या उससे ऊपर के ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले किसी भी डिवाइस पर काम कर सकेगा। हालांकि, भारतीय यूजर्स को इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
* क्या होता है NFC-

नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) शॉर्ट रेंज में ज्यादा फ्रीक्वेंसी के साथ डिवाइसेस को कनेक्ट करने में मदद करता है। आसान शब्दों में लिमिटेड दूरी में तेज स्पीड के साथ NFC की मदद से वायरलेस डिवाइस कनेक्ट किए जा सकते हैं। ये फाइल शेयरिंग, इंटरनेट एक्सेस और बाकी ट्रांसफर के लिए काफी उपयोगी साबित होता है। खबरों के अनुसार, एप्पल ने डच चिपमेकर के साथ डील कर इस बार आईफोन में NFC का इस्तेमाल किया है। ये वन टच पेमेंट्स के लिए किया गया है।



8. रिवर्सिबल USB C पोर्ट्स-

एप्पल मैकबुक में USB C पोर्ट आने के बाद गूगल ने भी अब एंड्रॉइड M के साथ USB C टाइप पोर्ट्स का सपोर्ट फीचर दे दिया है। USB C टाइप पोर्ट्स दोनों तरफ से एक जैसे होते हैं। आसान शब्दों में कहें तो पोर्ट में किसी भी तरफ से केबल लगाई जाए वो काम करेगी। खबरों की मानें तो नेक्सस फोन ही वो पहले फोन्स हैं जिनके साथ ये पोर्ट्स आए हैं।



9. बेहतर बैटरी लाइफ-

गूगल ने प्रोजेक्ट वोल्टा के तहत इस बार एंड्रॉइड की बैटरी को और बेहतर बनाया गया है। कंपनी का दावा है कि इस बार पावर कन्जम्पशन बेहतर होगा और बैटरी लाइफ बढ़ेगी। मल्टीटास्किंग के बाद भी बैटरी पावर कम नहीं होगी। इसके अलावा, फास्ट चार्जिंग फीचर और ऐप्स के द्वारा बैटरी खर्च करने की समस्या कम होगी।




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